जाता
येता,
दिसतात चेहरे..।
काही ओलखीचे
काही अनोलखी..।
काही सुकलेले,
काही
फुललेले..।
काही हसरे,
काही गहीरे..।
काही निश्चयी,
काही उच्छ्रंखूल..।
काही
सावरलेले,
काही बावरलेले..।
काही सजीव,
काही निर्जीव..।
काही खोडकर,
काही
गप्पगार..।
काही साकार,
काही निर्वीकार..।
काही बोलके,
काही मुके..।
पण,
ह्यातील
थोडेचं असतात आपले,
बाकी सारे परके..।।
-रो..
0 टिप्पण्या:
टिप्पणी पोस्ट करा
याची सदस्यत्व घ्या टिप्पणी पोस्ट करा [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ